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अब्दुल बासिद खान / ब्यूरो मुख्यालय : लखनऊ, नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने मंगलम गेस्ट हाउस (मऊ) में जीएसटी सुधार पर प्रेस कॉन्फ्रेस के माध्यम से इसके जनहितार्थ आयामों पर बल दिया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार ने मध्यम वर्ग के लिए रणनीतिक रूप से प्रभावशाली बदलाव किए और उन्हें सफलता पूर्वक लागू किया जिससे उनके जीवन में सुगमता आएगी और वे अब अधिक सशक्त होंगे। नेक्स्ट-जेन जीएसटी जन-प्रथम सुधार मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने बताया कि सुलभ दाम से हर परिवार की मुस्कान बढेगी और रोजमर्रा की जरूरतों पर रोजाना बचत होगी।
मंत्री ए.के.शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नेक्स्ट-जेन जीएसटी सुधारों के लिए 03 सितम्बर, 2025 को 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीएसटी सुधारों के निर्णय लिए गए। यह 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से अब तक का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण बदलाव है। इन सुधारों के तहत 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की सरल दो-दर संरचना लागू की गई है, जबकि विलासिता और लग्जरी सामानों पर 40 प्रतिशत की दर रखी गई है। इससे पारदर्शिता, न्यायसंगत व्यवस्था और कर पालन में आसानी की पुरानी मांगों को पूरा किया गया है। ये सुधार नवरात्रि के पहले दिन से लागू होंगे। यह केवल आर्थिक कदम नहीं, बल्कि देश के लिए दिवाली का तोहफ़ा है, इससे करोड़ों परिवारों की बचत सीधे उनके हाथों में जाएगी। जैसे दीपावली पर दीपक घरों को रोशन करते हैं, वैसे ही ये सुधार घरों के खर्च कम करेंगे, किसानों को सशक्त बनाएंगे और कारोबार को गति देंगे, जिससे पूरे भारत में समृद्धि फैलेगी।
दो-दरों की सरलता: अब पुरानी चार-स्तरीय व्यवस्था हटाकर 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दरें रखी गई हैं। इससे भ्रम, कानूनी झंझट और टैक्स भरने की मुश्किलें कम होंगी।
जनता को राहतरू दूध, पनीर, शैम्पू, टूथपेस्ट, साबुन, साइकिल और बच्चों के सामान जैसे जरूरी घरेलू सामान पर अब सिर्फ 5 प्रतिशत या शून्य कर लगेगा। इससे रोजमर्रा के खर्च कम होंगे।
किसानों को बढ़ावा: ट्रैक्टर, टायर, कीटनाशक और सिंचाई उपकरण पर कर घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे खेती की लागत कम होगी और ग्रामीण भारत को सीधा लाभ मिलेगा।
स्वास्थ्य क्रांति: व्यक्तिगत जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी पूरी तरह से हटा दिया गया है। दवाइयों, ऑक्सीजन और जांच किट पर कर में बड़ी कटौती की गई है ताकि इलाज सभी के लिए सस्ता हो सके।
गाड़ियों और वाहनों में भारी छूट: गाड़ियों और बाइक पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दी गयी है – यानी पूरे 10 प्रतिशत की कटौती – जिससे वाहन खरीददारों को आराम मिलेगा और त्योहारों के समय मांग बढ़ेगी।
शिक्षा हुई सस्ती: कॉपियों, पेंसिल, नक्शों और अन्य ज़रूरी छात्र सामग्री पर अब कोई कर नहीं लगेगा।
लग्जरी पर ज्यादा कर: विलासिता की वस्तुएं जैसे तंबाकू, पान मसाला और कैसिनो आदि पर अब 40 प्रतिशत कर लगाया गया है।
व्यापार में आसानीरू सरल रजिस्ट्रेशन, तेज रिफंड (90 प्रतिशत ऑटो-अप्रूव) और रिस्क-आधारित कंप्लायंस से एमएसएमई, निर्यातकों और श्रम प्रधान क्षेत्रों को मजबूती मिलेगी।
वित्तीय सतर्कता: तंबाकू पर सेस तब तक जारी रहेगा जब तक मुआवजे के ऋण चुकते नहीं हैं, जिससे राजस्व प्रबंधन जिम्मेदारी से होगा।
2025 के ये सुधार ‘‘जीवन में आसानी, व्यापार में आसानी’’ के विजन को दर्शाते हैं। सामान्य नागरिकों पर कर का बोझ कम करके, किसानों को सशक्त बनाकर, विनिर्माण को बढ़ावा देकर और लग्जरी तथा विलासिता वस्तुओं पर भार बढ़ाकर एनडीए सरकार ने समावेशी विकास और वित्तीय जिम्मेदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोबारा साबित की है।



