कन्नौज के आनंद भवन पैलेस पर्यटको के लिए बनेगा आकर्षण का केन्द्र - जयवीर सिंह - statementtodaynews.com

कन्नौज के आनंद भवन पैलेस पर्यटको के लिए बनेगा आकर्षण का केन्द्र – जयवीर सिंह

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जकारिया अयाज/ सह-सम्पादक : लखनऊ, उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने इत्र नगरी कन्नौज के तिर्वा स्थित ऐतिहासिक आनंद भवन पैलेस को राज्य के पहले लक्ज़री हेरिटेज होमस्टे के रूप में लॉन्च किया है। यह अनोखी पहल इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (आईएचसीएल) के अमा स्टेज एंड ट्रेल्स ब्रांड के सहयोग से साकार हुई है। खास बात यह है कि आनंद भवन पैलेस अब अमा के राष्ट्रीय पोर्टफोलियो में शामिल 150वां विरासत बंगला बन गया है। इस लॉन्च से कन्नौज को न केवल अनुभवात्मक पर्यटन की नई पहचान मिलेगी, बल्कि पर्यटक यहां विरासत, इत्र और आतिथ्य का अद्वितीय संगम अनुभव कर पाएंगे।

सन 1929 में निर्मित और पांच एकड़ में फैला आनंद भवन पैलेस ज़मींदारी युग की यादें ताजा करता है। दिग्विजय नारायण सिंह के स्वामित्व वाला यह पैलेस कन्नौज रेलवे स्टेशन से मात्र चार किलोमीटर तथा लखनऊ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 136 किलोमीटर दूर स्थित है। वर्ष 2024 में कन्नौज ने 13,04,754 पर्यटकों का स्वागत किया था। ऐसे में यह नया होमस्टे क्षेत्र में पर्यटन को और गति देने की उम्मीद जगाता है।  

आनंद भवन पैलेस में कन्नौज के इत्रों से प्रेरित छह हेरिटेज सुइट बनाए गए हैं- जैस्मिन, पैचौली, ऊद, नेरोली, गुलाब और बख़ूर। यह लग्जरी हेरिटेज होम स्टे मेहमानों को फार्म-टू-टेबल स्थानीय भोजन, नेपाली स्वादों के साथ डिनर और खुले आसमान के नीचे बारबेक्यू नाइट जैसे विशेष पाक अनुभव प्रदान करता है। इसके अलावा पर्यटकों के लिए स्विमिंग पूल पर विश्राम, विंटेज गेम्स रूम में बिलियर्ड्स, लाख बहोसी बर्ड सैंक्चुअरी में बर्ड वॉचिंग और कन्नौज की अत्तर परंपरा को समझने के लिए गाइडेड टूर जैसी गतिविधियां भी उपलब्ध हैं।

उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार हेरिटेज आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयासरत है। कन्नौज का आनंद भवन पैलेस इसका जीता-जागता उदाहरण है कि किस तरह राज्य की धरोहर संपत्तियों को संरक्षित कर सांस्कृतिक एवं आर्थिक विकास के केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकता है।

प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया कि कन्नौज इत्र नगरी के रूप में विश्व विख्यात है। पिछले वर्ष यहां 13 लाख से अधिक पर्यटक आए। आनंद भवन पैलेस के हेरिटेज होम स्टे बनने से पर्यटन को नया आयाम मिलेगा। प्रदेश के हेरिटेज संपत्ति मालिकों से अपील है कि वे सरकार के साथ मिलकर विरासत को सहेजने में योगदान दें। ऐसे प्रयास न केवल रोजगार के अवसर बढ़ाते हैं, बल्कि पर्यटकों को अविस्मरणीय अनुभव भी प्रदान करते हैं।

निदेशक इको-टूरिज्म प्रखर मिश्रा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में अनेक ज़मींदारी घर, हवेलियां और महल हैं जिन्हें व्यावसायिक होटल में नहीं बदला जा सकता, लेकिन वे हेरिटेज स्पेस के रूप में अपार संभावनाएं रखते हैं। आनंद भवन पैलेस इसका उदाहरण है, जहां इन ऐतिहासिक संपत्तियों को लग्जरी होमस्टे में बदलकर उनकी आत्मा को बनाए रखते हुए यात्रियों को इतिहास और संस्कृति का असली अनुभव दिया जा सकता है।

कन्नौज में आयोजित उद्घाटन समारोह में प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने फीता काटा। इस अवसर पर जिलाधिकारी कन्नौज अशुतोष अग्निहोत्री, यूपी टूरिज़्म (इको) के निदेशक प्रखर मिश्रा, अमा होमस्टे के वाइस प्रेसिडेंट सुमित बजाज तथा आईएचसीएल के क्लस्टर जनरल मैनेजर विनोद पांडे भी मौजूद रहे।

उद्घाटन समारोह में प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम द्वारा फीता काटा गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी कन्नौज आशुतोष मोहन अग्निहोत्री, यूपी टूरिज्म (इको) के निदेशक प्रखर मिश्रा, अमा होमस्टे के वाइस प्रेसिडेंट सुमित बजाज और आईएचसीएल के क्लस्टर जनरल मैनेजर विनोद पांडे भी मौजूद रहे।

इस शुरुआत के साथ उत्तर प्रदेश ने हेरिटेज होम स्टे नेटवर्क विकसित करने की दिशा में अनोखी पहल की है। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने निजी हेरिटेज संपत्तियों के मालिकों और निवेशकों को भी आमंत्रित किया है। सरकार का उद्देश्य महल, हवेलियां और ज़मींदारी घरों को पुनर्जीवित कर उन्हें अनुभवात्मक पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करना है। इस कदम से राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

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