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अब्दुल बासिद खान / ब्यूरो मुख्यालय : बिहार विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल आगामी 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है. इस तारीख के पहले किसी भी सरकार का चयन किया जाना जरूरी है। अभी चुनाव की तारीख का ऐलान चुनाव आयोग द्वारा नहीं किया गया है। लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्षी पार्टियां इस चुनावी महासमर में कुदने के लिए अपनी -अपनी मुकम्मल व्यवस्था कर लिए हैं। चुनाव आयोग किसी दिन चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकती है।इसको लेकर सभी पार्टियां और उससे टिकट पाने वाले संभावित उम्मीदवार पटना से लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तक का चक्कर काट रहे हैं।इसी बीच
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बहुजन समाज पार्टी प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बहन मायावती ने पूरी तरह से कमर कस ली है। मायावती ने अकेले चुनाव लड़ने के ऐलान के साथ ही अपने भतीजे आकाश आनंद को बिहार की कमान सौंपी है।
इस बाबत रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मायावती ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा, बिहार चुनाव को लेकर पिछले दो दिन तक चली समीक्षा बैठक में उम्मीदवारों के चयन सहित पार्टी के हर स्तर की तैयारियों को लेकर वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद आने वाले दिनों में पार्टी के विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जाएगा।सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के मुताबिक बहुजन समाज पार्टी ने बिहार विधानसभआ चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान किया है। बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी आगामी बिहार विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी और दो दिनों की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठकों के बाद अपने संगठनात्मक कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार कर ली है।
इस बीच बहुजन समाज पार्टी प्रमुख बहन मायावती ने कहा कि बैठक में पार्टी पदाधिकारियों को कमियों को दूर करके पूरी मुस्तैदी व तन, मन, धन से आगे बढ़ने का निर्देश दिया गया है। साथ ही उन्हें अगले महीने के प्रारंभ से शुरू होने वाले पार्टी की यात्रा व जनसभा आदि कार्यक्रमों के सम्बंध में विशेष जिम्मेदारी भी सौंपी गयी है। मायावती ने कहा कि सभी कार्यक्रम उनके दिशा निर्देशन में होने के साथ ही इसकी जिम्मेदारी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनन्द व केन्द्रीय कोआर्डिनेटर व राज्यसभा सांसद रामजी गौतम तथा बहुजन समाज पार्टी के बिहार स्टेट यूनिट को सौंपी गयी है। वहीं बसपा प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि बिहार राज्य को तीन क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, और वरिष्ठ नेताओं को प्रत्येक का अलग-अलग प्रभार सौंपी गयी है।



