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अब्दुल बासिद खान / ब्यूरो मुख्यालय : लखनऊ, कर्मचारियों के द्वारा पेंशन की मांग को लेकर अदालतों में मुकदमों की अचानक वृद्धि के बीच उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के एक आदेश के क्रम में प्रमुख सचिव अतुल श्रीवास्तव ने 2 सितंबर 2025 को सरकारी गजट, विधाई परिशिष्ट अधिसूचना संख्या _ 174/79_वि 1_2025 _ _2_क _ 9 2025 के द्वारा उत्तर प्रदेश पेंशन की हकदारी तथा विधिमान्यकरण अध्यादेश 2025 की घोषणा अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार के द्वारा जारी की गई।
बताना जरूरी है कि शासनादेश संख्या _22/2025 /दस _ 2025 _ 301 ( 04 )/2025 के द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार ने 10 सितंबर 2025 को उत्तर प्रदेश पेंशन की हकदारी तथा विधिमान्यकरण अध्यादेश 2025 पारित कर ऐसे सभी सभी कर्मचारियों को अदालतों में पेंशन की मांग करने पर रोक लगा दिया है, जो कि राज्य सरकार के कई एक विभागों अथवा विभागों के अधीन संगठनों में ऐसे व्यक्ति कार्यरत रहे हैं जिनकी नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा निर्गत किसी भी नियमावली व विनियमावली में प्रावधानित भर्ती प्रक्रिया के अनुसार मौलिक रूप से नियुक्ति नहीं प्रदान किया गया है, और न ही कभी नियमावली के तहत उनका विनियमितिकरण किया गया है । ऐसे कर्मचारियों के द्वारा अदालतों में सरकारी कार्मिकों की भांति पेंशन पाने हेतु अदालतों में मुकदमें दायर करते हैं ।
जानकारों का कहना है कि इस अध्यादेश के द्वारा सरकार , बहुत सारे विभागों में अधिकारियों के द्वारा समय समय पर अनुकंपा नियुक्ति पाए कर्मचारियों को अदालतों में जाकर पेंशन पाने के वाद की स्वीकृति पर विराम लगाने का काम किया है जिससे बहुत सारे परिवारों में पेंशन ना पाने को लेकर घोर निराशा व्याप्त होने की संभावना है।



