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अब्दुल बासिद खान / ब्यूरो मुख्यालय : कोलकाता जब उद्योगपति गौतम अदानी सोमवार को पश्चिम मेदिनीपुर के आईआईटी खड़गपुर पहुँचे और वहां छात्रों को संबोधित कर रहे थे, लगभग उसी वक्त राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ताजपुर डीप सी पोर्ट को लेकर बड़ा फैसला सुना दिया। नवान्न में हुई कैबिनेट बैठक के बाद ममता ने घोषणा की कि ताजपुर बंदरगाह के लिए नयी निविदा (आरएफपी) जारी की जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि उद्योग, अवसंरचना और रोजगार स्थायी समिति की बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है। बहुत जल्द पश्चिम बंगाल औद्योगिक विकास निगम (डब्ल्यूबीआईडीसी) की ओर से नए प्रस्ताव आमंत्रित किए जाएंगे और कोशिश होगी कि दुर्गापूजा से पहले किसी नई कंपनी को बंदरगाह निर्माण की जिम्मेदारी दी जा सके।
हिंडनबर्ग विवाद के बीच अडानी समूह ने परियोजना खो दी
गौरतलब है कि 2022 में अदानी समूह को ताजपुर बंदरगाह परियोजना की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन ढ़ाई साल से अधिक समय बीत जाने के बावजूद परियोजना पर कोई काम शुरू नहीं हुआ। इस बीच 2023 में हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अदानी समूह पर शेयर बाज़ार में हेराफेरी के आरोप लगे और इसके बाद से ही परियोजना अधर में लटक गई। राज्य सरकार ने पहले ही संकेत दे दिया था कि नए सिरे से टेंडर मंगाए जा सकते हैं और इसके लिए कानूनी राय भी ली गई थी। अब कैबिनेट की मंजूरी के बाद स्पष्ट हो गया है कि अदानी के साथ हुए पुराने करार को दरकिनार कर राज्य सरकार नई बोली प्रक्रिया शुरू कर रही है। सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि जिस दिन ममता बनर्जी ने यह घोषणा की, उसी दिन गौतम अदानी बंगाल की जमीन पर मौजूद थे। राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि इस कदम का संदेश केवल आर्थिक नहीं बल्कि राजनीतिक स्तर पर भी दूरगामी असर डाल सकता है।



