उत्तर प्रदेश : उपमुख्यमंत्री ने बाढ़ की तैयारियों के सम्बंध में जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के साथ की बैठक - statementtodaynews.com

उत्तर प्रदेश : उपमुख्यमंत्री ने बाढ़ की तैयारियों के सम्बंध में जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के साथ की बैठक

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अब्दुल बासिद खान / ब्यूरो मुख्यालय : लखनऊ, उपमुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को प्रयागराज मे बाढ़ क्षेत्रों एवं बाढ़ राहत शिविरों का निरीक्षण करने के पश्चात सर्किट हाउस के सभागार में बाढ़ की तैयारियों के सम्बंध में जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए सभी सम्बंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए है। उपमुख्यमंत्री ने सर्वप्रथम जिलाधिकारी से मां गंगा एवं यमुना के जलस्तर एवं अन्य तैयारियों के बारे में जानकारी ली। जिस पर जिलाधिकारी के द्वारा बताया गया कि अभी जलस्तर बढ़ रहा है, लेकिन जलस्तर के बढ़ने की गति में कमी आयी है तथा अगले 24 घण्टे में स्थिर होने की सम्भावना है। शहरी क्षेत्र के 47 मोहल्ले बाढ़ से प्रभावित है तथा शहर में बाढ़ से पीड़ित लोगो के लिए 18 राहत शिविरों बनाये गये है, जहां पर लगभग 7000 लोग रह रहे है। 6 तहसीले भी बाढ़ से प्रभावित है लेकिन बारा, सोरांव और मेजा में ही लोगो को विस्थापित किया गया है तथा लगभग 1200 जानवरों को भी सुरक्षित स्थान पर पहुंचाकर उनके भूसा-चारे का प्रबंध किया गया है। जो गांव सम्पर्क से कट गये है और टापू बन गये है, वहां पर सभी आवश्यक व्यवस्थायें किए जाने के साथ सूखा राशन उपलब्ध भी कराया जा रहा है।

केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि बाढ़ से प्रभावित लोगो के राहत व बचाव कार्याे मे कोई कोर कसर बाकी न रखी जाय। बाढ़ राहत सामग्री की गुणवत्ता व मात्रा को रैण्डम चेक किया जाए। बाढ़ शरणालयों में महिलाओं के ठहरने के लिए उचित व्यवस्था के साथ उनकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाए।बाढ़  कण्ट्रोल रूम 24ग7 क्रियाशील रहें। नावों  की पर्याप्त बनाये रखी जाय। कोई भी व्यक्ति जर्जर भवन में न रहे, अविलम्ब बाढ़ शरणालय में शिफ्ट किया जाए।

बैठक में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार सेवा भाव से कार्य करती है, यह बाढ़ आपदा है, लेकिन सरकार की व्यवस्थाओं में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। सभी अधिकारी भी इसे सेवा का अवसर मानते हुए सेवाभाव से कार्य करें। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा अभी बाढ़ राहत केन्द्रों का निरीक्षण किया गया तथा वहां पर रह रहे लोगो से प्रशासन के द्वारा उपलब्ध करायी जा रही सुविधाओं एवं व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी लिए जाने पर राहत शिविरों में रह रहे लोगो ने प्रशासन द्वारा की गयी व्यवस्थाओं की प्रशंसा की। उन्होंने बाढ़ राहत केन्द्रों में मिल रहे भोजन इत्यादि की गुणवत्ता व मात्रा का विशेष ध्यान दिए जाने के लिए कहा है। उन्होंने राहत शिविरों में पुरूष व महिला पुलिस कर्मिंयों की शिफ्टवार ड्यूटी लगाये जाने के लिए कहा है। उन्होंने शिविरों पर कार्य कर रहे सफाई कर्मिंयों के लिए भी भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित कराये जाने के लिए कहा है। उपमुख्यमंत्री ने सभी बाढ़ राहत शिविरों पर आवागमन के मार्ग यदि कहीं खराब हो, तो उनको ठीक कराने एवं शिविरों पर सभी व्यवस्थायें चुस्त-दूरूस्त बनाये रखने के लिए कहा है। उपमुख्यमंत्री ने बाढ़ के पश्चात पानी कम होने पर स्वास्थ्य व स्वच्छता की व्यवस्था हेतु अभी से तैयारी किए जाने के निर्देश दिए है, जिससे कि बीमारियां न फैलने पाये। उपमुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी से एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, राहत शिविर तथा नोडल अधिकारियों की सूची मा0 जनप्रतिनिधियों को भी उपलब्ध कराये जाने के लिए कहा है, जिससे जनप्रतिनिधि भी राहत कैम्पों में सेवाभाव से अपना योगदान दे सके।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जिन गांवों का सम्पर्क टूट गया है और टापू बन गये है, वहां पर उन गांवों को राहत शिविर के रूप में मानते हुए वहां पर सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित कराये जाने के निर्देश दिए है। इन ग्रामों में प्रकाश की व्यवस्था हेतु जनरेटर उपलब्ध कराये जाने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने के लिए कहा है। उपमुख्यमंत्री ने ऐसे ग्रामों में स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि किसी ग्राम के यदि कुछ ही घर बाढ़ से प्रभावित है और वे लोग उसी गांव में किसी ऊंँचें स्थान पर ठिकाना बनाकर निवास कर रहे है, तो वहां पर भी आवश्यक व्यवस्थायें उपलब्ध करायी जाये।

उपमुख्यमंत्री ने बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में सर्वे कर जर्जर भवनों को चिन्हित कर वहां रह रहे लोगो को सुरक्षित स्थान पर व्यवस्थित करने के लिए कहा है। उन्होंने राहत शिविरों को किसी भी स्थिति में जर्जर भवन में न बनाये जाने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि यदि बरसात व बाढ़ से प्रभावित होकर किसी भवन के क्षति की आशंका हो, तो उन्हें विस्थापित कर सुरक्षित स्थान पर रखा जाये। उन्होंने कटान वाले क्षेत्रों में कटान को रोके जाने हेतु तत्काल आवश्यक व्यवस्थायें किए जाने के लिए कहा है। उन्होंने प्रशासन को बाढ़ से प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में फसलों के नुकसान का आंकलन भी करने के लिए कहा है। उन्होंने वर्ष 2013 व वर्ष 2025 में आयी हुई बाढ़ के आकलन के लिए एक अध्ययन समिति गठित करने के लिए कहा, जिससे कि भविष्य में बाढ़ से निपटने हेतु पूर्व से ही आवश्यक तैयारियां की जा सके।

उपमुख्यमंत्री ने आगामी त्यौहारों के दृष्टिगत सभी आवश्यक व्यवस्थायें भी समय से सुनिश्चित किए जाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी मंदिर में विद्युत तार खुले न हो, सीसीटीवी लगा हो तथा दर्शन के विशेष दिनों पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था रहे।

बैठक में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ राहत के दृष्टिगत जितने भी पक्ष है, सभी पक्षों का ध्यान रखते हुए सभी बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित की जाये, इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाये। इस अवसर पर मा0 जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ0 वी0के0 सिंह, महापौर उमेश चन्द्र गणेश केसरवानी, मा0 विधायक फाफामऊ गुरू प्रसाद मौर्य, मा0 विधायक करछना पीयूष रंजन निषाद, संजय गुप्ता, राजेश शुक्ला, मण्डलायुक्त विजय विश्वास पंत, अपर पुलिस आयुक्त डॉ0 अजय पाल शर्मा, नगर आयुक्त सांई तेजा, मुख्य विकास अधिकारी हर्षिका सिंह सहित अन्य सम्बंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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