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अब्दुल बासिद खान / ब्यूरो मुख्यालय : धर्मशाला,रक्षाबंधन त्योहार के लिए धर्मशाला सहित जिलाभर के बाजारों में राखियों की दुकान सजी हैं लेकिन, दुकानदार ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं। ग्राहकों की संख्या कम होने से दुकानदार हताश हैं। दुकानदारों का कहना है कि ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों ने राखियों के मार्केट पर भी कब्जा कर लिया, जिसके चलते दुकानदारी पर बहुत बड़ा असर पड़ रहा है। इस साल राखियों के बाजार में अच्छी आमदनी होने की आने की उम्मीद थी। लेकिन, ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों द्वारा की जारी डिलिवरी के चलते दुकानदारी ठप पड़ी है। ऑनलाइन खरीदारी का असर, रक्षाबंधन के त्योहार पर देखा जा रहा है। इसकी वजह से शहर में राखी का बाजार फीका नजर आ रहा है। दुकानों पर पहले की तरह भीड़ नजर नहीं आ रही।
बदलते समय के साथ टेक्नोलॉजी का असर भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक रक्षाबंधन पर भी पड़ा है। जहां बहनें ऑनलाइन राखी पसंद कर भाई को भेज दे रही हैं, वहीं भाई भी ऑनलाइन ही गिफ्ट पसंद कर प्यारी बहना को भेज रहे हैं। इस साल नौ अगस्त को रक्षाबंधन मनाया जाएगा, मगर बाजार में जो रौनक होनी चाहिए, वह नहीं दिख रही। घर बैठे ऑनलाइन मार्केटिंग प्लेटफार्म से बहनें घर से दूर अपने प्यारे भैया को राखी भेजकर औपचारिकताएं पूरी कर रही हैं। धर्मशाला के कचेहरी अड्डा में कई वर्षों से राखी दुकान लगाने वाले रोबिन कहते हैं-ऑनलाइन शॉपिंग की मार राखी बाजार पर भी पड़ा है। ग्राहक बहनें दुकान पर आने के बजाय घर बैठे राखी पसंद कर अपने भाई को भेज देती हैं। वहीं भाई भी ऑनलाइन शॉपिंग कर बहन को गिफ्ट भेज रहें हैं।
दुुकान पर जाकर ही खरीदेंगे राखी
दीपांशी ने कहां कि हमने तो तय किया है कि बाजार से ही राखियां खरीदूंगी। बाजार से राखी खरीदने से एक फायदा होता है कि हम अपनी पसंद की राखी को खरीद सकते हैं। इसके साथ ही पैसों का मोलभाव भी कर सकते हैं। दुकानदार भाई हमसे चार पैसे ज्यादा ले भी लेंगे तो उनका भला तो होगा।
सरकार को लगानी चाहिए पाबंदी
कारोबारी रोबिन का कहना है कि न केवल राखी के बाजार पर असर पड़ा है बल्कि रेडीमेड कपड़े का व्यवसाय भी प्रभावित हुआ है। इनका कहना है कि सरकार को आन लाइन शापिंग पर पाबंदी लगानी चाहिए। राखी के छोटे छोटे दुकानदार रोजी रोटी के लिए परेशान हैं। आन लाइन शापिंग से छोटे छोटे कारोबारी परेशान हैं। यह कंपनियां रोजगार खत्म कर रही हैं। इससे बेरोजगारी और बढ़ेगी। आने वाले समय में यह बड़ी चुनौती होगी।
बाजार जाकर ही खरीदूंगी राखियां
अक्षिता ने कहा कि राखियां बाजार जाकर ही खरीदूंगी। मेरा भाई और मैं आनलाइन शापिंग के पक्ष में नहीं हूं। आनलाइन कंपनियां त्योहार पर लुभाने के लिए तरह तरह की स्कीम लाती हैं, लेकिन मैं रक्षाबंधन के त्योहार पर अपने दुकानदार भाइयों का नुकसान नहीं करूंगी, दुकान पर जाकर राखी खरीदूंगी। उन्होंने कहा कि कंपनियों के कारोबार से दुकानदार बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।



